बैरन ज्वालामुखी विस्फोटन

पोर्ट ब्लेयर से उत्तरपूर्व 140 कि.मी. दूर बैरन द्वीप में तटरक्षक कर्मियों द्वारा ज्वालामुखी से ताजा लावा निकलने के बारे में पता लगाया गया। तटरक्षक के दिनांक 29 मई के विज्ञप्ति के अनुसार दिनांक 28 मई को तटरक्षक जहाज ‘सागर’ तथा डोर्नियर एयरक्राफ्ट जब अण्डमान तथा निकोबार समुद्र के गश्त पर थे तो उसने बैरन द्वीप में भारत की एकमात्र जागृत ज्वालामुखी से ताजा लावा और धुँआ निकलने के बारे में रिपोर्ट किया।

ऐसा कहा जाता है कि यह द्वीप, जहाँ कोई आबादी नहीं है, में नियमित गश्त लगाने वाले तटरक्षक तथा नौसेना के जहाज द्वारा ही पहुँचा जा सकता है। यह ज्वालामुखी पिछले कुछ वर्षों से प्रसुप्त था और यहाँ पर दिनांक 26 दिसम्बर, 2004 को आए सुनामी जिसके कारण भारत के तटीय क्षेत्रों को नुकसान हुआ था, के बावजूद भी ज्वालामुखी संबंधी कोई गातिविधि नहीं देखी गई। इसी बीच अण्डमान तथा निकोबार कमांड से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस बात की पुष्टि हुई कि रक्षाकर्मी जिन्होंने हाल में इस द्वीप का दौरा किया था, ने वहाँ पर लावा निकलने का दृश्य देखा है और इस प्रकार बैरन ज्वालामुखी सक्रिय हो गया है। विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ से रूक-रूक कर लावा निकल रहा है क्योंकि लगातार धँुआ और अग्नि ज्योति निकलता हुआ देखा गया है।