उप राज्यपाल अण्डमान तथा निकोबार द्वीपसमूह का संक्षिप्त विवरण


अंडमान तथा निकोबार द्वीपसमूह के उप राज्यीपाल लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्तप) ए.के.सिंह, पी.वी.एस.एम., ए.वी.एस.एम., एस.एम., वी.एस.एम. का प्रोफाइल

लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्तग) ए.के.सिंह, पी.वी.एस.एम., ए.वी.एस.एम., एस.एम., वी.एस.एम. उप राज्य.पाल, अंडमान तथा निकोबार द्वीपसमूह, पूर्व जनरल आफिसर, कमांडिंग-इन-चीफ, दक्षिणी कमान, राष्ट्री य सुरक्षा अकादमी के पूर्व छात्र ने दिनांक 17 जून, 1973 को सबसे पुरानी रेजिमेंट 7वीं लाइट कैवलरि में अपनी सेवा आरम्भक की। अपनी उच्च, सत्यपनिष्ठाा और कार्य कुशलता के लिए प्रसिद्ध इस जनरल ने भारतीय थल सेना के स्वंरूप को बदलने के लिए सभी आधुनिक तरीकों को अपनाने की पहल की और सशस्त्र बलों के अधिकतर लोगों ने उन्हेंे अपने आदर्श के रूप में देखा।

दक्षता प्राप्तह इस अधिकारी ने देश और विदेश के सबसे प्रतिष्ठित प्रशिक्षण अकादमियों से अपनी शिक्षा प्राप्तन की जिसमें यूनाइटेड किंगडम स्थित कैम्ब र्ली के स्टारफ कॉलेज शामिल है जहाँ उन्होंिने स्टावफ कॉलेज प्रवेश परीक्षा में अव्व्ल स्था‍न प्राप्तए किए, इसके अलावा मॉस्कोँ के मालिनोवस्कीट टैंक अकादमी; यूनाइटेड किंगडम के रॉयल कॉलेज ऑफ मिलिट्री साइन्से और भारत तथा स्वीशडन के प्रसिद्ध नेशनल डिफेन्से कॉलेज में भी शिक्षा प्राप्ती की। उन्होंनने भारत और विदेश में प्रत्येधक कोर्स जिसमें उन्हों ने भाग लिया, में अव्वपल स्थाीन प्राप्तो किया। वे शीत युद्ध के दौरान रूस और नाटो में प्रशिक्षण प्राप्तह किए जाने वाले एकमात्र अधिकारी थे जिन्हेंि यह विशिष्टक सम्माऔन प्राप्ति हुआ। अपनी मिलिट्री योग्यतता के अलावा उन्हों ने रक्षा अध्यटयन में एम.एस.सी. और एम.फिल. भी की। हाल ही में उन्होंगने पुणे यूनिवर्सिटी में पी.एच.डी. के लिए अपना नामांकन किया।

भारतीय थल सेना के इस उच्ची रैंक जनरल टी 55 टैंकों के एक असाधारण और साहसी टैंक कमांडर से आधुनिक टी 90 टैंकों के जनरल आफिसर कमांडिंग बनें। उन्होंकने भारतीय थल सेना के प्रौद्योगिकी क्षेत्र में महत्वसपूर्ण भूमिका निभाई है और अस्सीा के दशक में टी 72 और इस सदी में टी 90 टैंक जैसे मुख्यभ युद्ध टैंक को शामिल करने में महत्वेपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंयने कई कठिन कार्यों के अलावा कारगिल की ऊँचाइयों में भी अपनी सेवाएं दी हैं। क्षेत्रीय कमांडर ओर सैन्य संचालन निदेशक दोनों ही रूप में अत्यभधिक संचालन अनुभवी अधिकारी को भारतीय थल सेना के महत्व‍पूर्ण केन्द्रन ने जटिल सैन्यी अभियानों की योजना बनाने का कार्य सौंपा। उन्होंेने भारतीय थल सेना के विदेश प्रभाग का नेतृत्‍व भी किया और कई विदेशी देशों के साथ रक्षा सहयोग किया। उन्होंपने डायरेक्ट र जनरल पर्सपेक्टिव प्लाईनिंग के चुनौतीपूर्ण कार्य भी किए हैं, जहाँ उन्होंपने दीर्घकालीन बजट सहित 21वीं सदी में भारतीय थल सेना के सभी रणनीतियों, दीर्घकालिक दृष्टिकोण के विकास और नए आयाम देने की जिम्मेतदारी निभाई। उन्हों ने कई प्रमुख देशों के उच्चक स्तकरीय शिष्टंमण्ड लों में देश और सशस्त्रन बलों का प्रतिनिधित्वर किया। इन्हेंो रणनीतियों और राष्ट्री य स्तयर के मुद्दों और मामलों की अच्छी‍ समझ है और वे नेशनल डिफेंस कॉलेज और अन्यं महत्वयपूर्ण संस्था नों में एक नियमित वक्ता् रहे हैं।

जनरल 7वीं घुड़सवार फौज, टी-90 टैंक ब्रिगेड, बख्त रबंद डिवीजन और सबसे शक्तिशाली स्ट्रा इक 1 (कोर) में कमांड कर चुके हैं। इन्हें हाल के दिनों में सबसे बड़े युद्धाभ्यासस अर्थात् 2010 में 'योद्धा शक्ति' और हाल ही में आयोजित अभ्यालस 'सुदर्शन शक्ति' जैसे दो ऐतिहासिक अभ्या स जिसमें थार के रेगिस्ता्न में भारतीय थल सेना और वायु सेना की शक्ति प्रदर्शित की गई थी, के कुशल आयोजन तथा क्रियान्वित करने का गौरव प्राप्ते है। उप राज्ययपाल के रूप में यहाँ कार्यभार संभालने से पहले वे भारत की कुल भूमि का 40% भाग को कवर करते हुए 10 राज्योंर और 4 संघ राज्युक्षेत्रों के सबसे बड़े कमान, दक्षिणी थल सेना का नेतृत्वँ कर रहे थे।

लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्तन) ए.के.सिंह को नागरिकों और सैन्या सम्बं धों में मधुरता लाने और रक्षा भूमि की अच्छी् सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा अपने क्षेत्राधिकार के तहत् 50 से अधिक छावनियों और सैन्यन स्टेकशनों में प्रशासन और सुविधाओं में सुधार लाने में प्रमुख योगदान का श्रेय जाता है।

इस जनरल को साइकिल पोलो और घुड़सवारी जैसे कठिन और साहसिक खेलों में गहरी रूचि है, उनके इस असाधारण और उत्कृजष्टस सेवाओं के लिए उन्हेंइ अनेकों पुरस्कानर भी प्राप्तं हुए हैं। वे छह बख्त रबंद रेजिमेंट अर्थात् 7वीं लाइट कैवलरि, सिन्धा हार्स 5, 46, 51 और 74 बख्त्रबंद रेजिमेंट के कर्नल भी थे।

उप राज्यरपाल की धर्मपत्नीव श्रीमती सुनीति सिंह एक प्रसिद्ध शिक्षाविद और पशुप्रेमी है। इनके दो पुत्र हैं। बड़ा बेटा विशाल जो मर्चेंट नेवी में सेवारत है और छोटा बेटा उदय घुड़सवारी खेल में राष्ट्री य चैम्पियन है।

लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्ते) ए.के.सिंह ने दिनांक 8 जुलाई, 2013 को अपराह्न 4.00 बजे राज निवास, पोर्ट ब्ले यर में आयोजित एक औपचारिक शपथ ग्रहण समारोह में अंडमान तथा निकोबार द्वीपसमूह के 11वें उप राज्यंपाल के रूप में शपथ ली।